बौद्ध धर्म के अनुयायियों के लिए महत्वपूर्ण स्थल कुशीनगर में स्थित अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से यात्री उड़ानों के फिर से शुरू होने की प्रबल संभावना बन गई है। इस खबर ने स्थानीय लोगों और पर्यटन उद्योग में नई उम्मीद जगाई है।
- कुशीनगर अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से नियमित उड़ानों की संभावना फिर से बढ़ी।
- विभिन्न एयरलाइंस द्वारा उड़ान संचालन में रुचि दिखाने की खबरें।
- स्थानीय प्रशासन और पर्यटन हितधारकों ने इस कदम का स्वागत किया।
- बौद्ध परिपथ के पर्यटन को बढ़ावा मिलने की उम्मीद।
- पहले कुछ उड़ानें शुरू होकर बंद हो गई थीं, अब स्थायी संचालन की आशा।
कुशीनगर अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे का उद्घाटन अक्टूबर 2021 में किया गया था, जिसका मुख्य उद्देश्य बौद्ध परिपथ के महत्वपूर्ण तीर्थस्थल कुशीनगर को सीधे हवाई मार्ग से जोड़ना था। उद्घाटन के बाद कुछ अंतरराष्ट्रीय उड़ानें शुरू भी हुईं, लेकिन विभिन्न कारणों से वे नियमित रूप से संचालित नहीं हो सकीं, जिससे स्थानीय लोगों और पर्यटन व्यवसायियों की उम्मीदों को झटका लगा था। अब, भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण (AAI) और नागरिक उड्डयन मंत्रालय की सक्रियता से एक बार फिर यहां से नियमित उड़ानों के संचालन की संभावनाएं तलाशी जा रही हैं।
यदि कुशीनगर से नियमित उड़ानें शुरू होती हैं, तो इसका सीधा लाभ क्षेत्र के पर्यटन और आर्थिक विकास को मिलेगा। विशेषकर दक्षिण-पूर्व एशियाई देशों से आने वाले बौद्ध तीर्थयात्रियों के लिए यह यात्रा बहुत सुविधाजनक हो जाएगी। स्थानीय व्यापार, होटल उद्योग और हस्तशिल्प को नई गति मिलेगी, जिससे रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे। भविष्य में, यह हवाई अड्डा पूर्वी उत्तर प्रदेश और पश्चिमी बिहार के लिए एक महत्वपूर्ण कनेक्टिविटी हब के रूप में उभर सकता है, जिससे न केवल धार्मिक पर्यटन बल्कि सामान्य व्यापार और निवेश को भी प्रोत्साहन मिलेगा। राज्य सरकार और नागरिक उड्डयन विभाग अब एयरलाइंस के साथ मिलकर व्यवहार्यता अध्ययन और प्रोत्साहन योजनाओं पर काम कर रहे हैं।