अमर उजाला द्वारा आयोजित वार्षिक 'संगम-2025' ने इस वर्ष सांस्कृतिक सौहार्द की एक नई मिसाल पेश की है। इस भव्य कार्यक्रम में मराठी समाज की समृद्ध विरासत और परंपराओं को समर्पित विशेष स्टॉल लगाए गए, जिसने उपस्थित जनसमूह का ध्यान आकर्षित किया।
- अमर उजाला ने अपने प्रतिष्ठित आयोजन 'संगम-2025' का सफलतापूर्वक आयोजन किया।
- कार्यक्रम में मराठी समाज की कला, संस्कृति, और व्यंजनों को दर्शाते स्टॉल लगाए गए।
- इस पहल का उद्देश्य विभिन्न समुदायों के बीच सांस्कृतिक आदान-प्रदान और एकता को बढ़ावा देना था।
- मराठी समाज के प्रतिनिधियों ने अपनी जीवंत परंपराओं का उत्साहपूर्वक प्रदर्शन किया।
- संगम-2025 ने सांस्कृतिक विविधता का सम्मान करते हुए सद्भाव का मजबूत संदेश दिया।
संगम' अमर उजाला की एक महत्वपूर्ण पहल है, जिसका लक्ष्य विभिन्न सामाजिक और सांस्कृतिक पहचानों को एक मंच पर लाकर उन्हें सम्मान देना है। 'संगम-2025' इसी श्रंखला में एक अनोखा आयोजन रहा, जहाँ विशेष रूप से मराठी समाज की सक्रिय भागीदारी ने इसे और भी यादगार बना दिया। इन स्टॉलों पर महाराष्ट्र की लोक कलाएँ, पारंपरिक परिधान, स्वादिष्ट व्यंजन और हस्तशिल्प का जीवंत प्रदर्शन किया गया, जिससे आगंतुकों को मराठी संस्कृति को गहराई से जानने और अनुभव करने का अवसर मिला। यह पहल क्षेत्रीय विविधताओं का सम्मान करने और उन्हें मुख्यधारा में लाने की दिशा में एक सराहनीय कदम है।
इस प्रकार के सांस्कृतिक आयोजन समाज में आपसी समझ और एकता की भावना को मजबूत करते हैं। जब विभिन्न समुदायों के लोग एक-दूसरे की परंपराओं, जीवनशैली और कला को समझते हैं, तो यह स्वाभाविक रूप से सद्भाव और सम्मान को बढ़ावा देता है। 'संगम-2025' ने न केवल मराठी संस्कृति को एक व्यापक मंच प्रदान किया, बल्कि अन्य समुदायों के लोगों को भी इसकी ओर आकर्षित किया। यह आयोजन स्थानीय स्तर पर सांस्कृतिक पर्यटन को बढ़ावा देने और युवा पीढ़ी को अपनी जड़ों से जुड़ने के लिए प्रेरित करने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है। भविष्य में ऐसे कार्यक्रम देश की समृद्ध सांस्कृतिक विविधता को बनाए रखने और उसे लोकप्रिय बनाने में अहम साबित होंगे।