✨ गाँव जमली की दिवाली — जहाँ रौशनी में बसता है अपनापन ✨
गाँव जमली की गलियाँ दीयों की रोशनी से जगमगा उठीं, जैसे बचपन फिर लौट आया हो।
मिट्टी की खुशबू, टिमटिमाते दीपक और बच्चों की हँसी — हर आँगन में सादगी और अपनापन दिखाई देता है।
यहाँ दिवाली केवल रोशनी नहीं, रिश्तों का उत्सव है; बुज़ुर्ग यादों को शेयर करते हैं, महिलाएँ रंगोली सजाती हैं और बच्चे खुशियों से झूमते हैं।
शहरों की चकाचौंध से अलग, गाँव जमली में हर दीया दिल से जलता है — “खुशियाँ बाँटो, प्यार जगाओ।”
