कप्तानगंज (कुशीनगर): इस बार मानसून ने जैसे किसानों से नाता तोड़ लिया हो।
बारिश सही तरीके से नहीं हो रही, खेतों में पानी की कमी महसूस की जा रही है।
लेकिन इन सबके बीच धान की फसल उम्मीद से बेहतर खड़ी है।
किसानों का कहना है कि भगवान की कृपा और उनकी मेहनत ने हालात संभाल रखे हैं।
किसान बोले – “पानी कम है, पर हौसला बड़ा है”
- 👉 कप्तानगंज इलाके के कई किसानों ने बताया कि बारिश कम होने से दिक्कतें तो हैं।
- 👉 धान के पौधे जैसे-तैसे हरे और लहलहाते खड़े हैं, लेकिन लगातार पानी न मिलने का डर सताता रहता है।
- 👉 फिर भी किसान कह रहे हैं – “जितना भी हो, मेहनत पूरी करेंगे, ताकि खेत खाली न रह जाए।”
खेतों की तस्वीर
➡️ खेतों में खड़ी धान की फसल अभी हरी-भरी और ताजा नजर आ रही है।
➡️ किसान दिन-रात खेतों की देखभाल में जुटे हैं – कोई ट्यूबवेल से पानी खींच रहा है तो कोई मेड़ मजबूत कर रहा है।
➡️ गांव की पगडंडियों से गुजरने वाले कहते हैं – “भाई, बारिश भले कम है, लेकिन फसल देखकर दिल खुश हो जाता है।”
Desh Disha का नजरिया
🌾 कप्तानगंज-कुशीनगर के खेतों में खड़ी ये धान की फसल किसानों की मेहनत और जिद का नतीजा है।
🔥 बारिश भले कम हो रही हो, लेकिन मेहनत और उम्मीदें ज्यादा हैं।
👨🌾 अब देखना ये है कि आने वाले दिनों में आसमान मेहरबान होता है या किसान अपनी जिद से हालात को मात देते हैं।
Disclaimer: यह खबर स्थानीय किसानों से मिली जानकारी और क्षेत्रीय स्थिति पर आधारित है। Desh Disha इसकी स्वतंत्र रूप से पुष्टि नहीं करता।
