गोरखपुर शहर इन दिनों कड़ाके की ठंड की चपेट में है। लगातार तीसरे दिन आसमान में सूरज के दर्शन नहीं हुए, जिससे शीतलहर का प्रकोप और बढ़ गया है। कंपकंपाती ठंड ने आम जनजीवन को बुरी तरह प्रभावित किया है।
- गोरखपुर में लगातार तीसरे दिन धूप न निकलने से पारा गिरा।
- शीतलहर और घने कोहरे ने शहर को अपनी आगोश में ले रखा है।
- न्यूनतम तापमान सामान्य से काफी नीचे दर्ज किया गया।
- लोग घरों में दुबकने को मजबूर, अलाव का सहारा ले रहे हैं।
- बच्चों और बुजुर्गों के स्वास्थ्य पर विशेष ध्यान देने की जरूरत।
उत्तर भारत में पड़ रही कड़ाके की ठंड और घने कोहरे का असर अब गोरखपुर में भी साफ दिखने लगा है। पिछले तीन दिनों से सूर्य देव के दर्शन न होने के कारण दिन का तापमान भी सामान्य से काफी नीचे चला गया है। सुबह और शाम के समय घना कोहरा छाए रहने से दृश्यता बेहद कम हो गई है, जिससे यातायात पर भी प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है। मौसम विभाग के अनुसार, पहाड़ों पर हुई बर्फबारी और मैदानी इलाकों में चल रही ठंडी हवाओं के कारण ही यह स्थिति बनी हुई है।
लगातार जारी इस शीतलहर का सीधा असर स्थानीय लोगों के स्वास्थ्य और दैनिक गतिविधियों पर पड़ रहा है। अस्पतालों में सर्दी-जुकाम, खांसी और सांस संबंधी बीमारियों के मरीजों की संख्या में इजाफा देखा जा रहा है। दिहाड़ी मजदूर और छोटे दुकानदार सबसे ज्यादा प्रभावित हैं, क्योंकि ठंड के कारण बाजारों में चहल-पहल कम हो गई है। प्रशासन ने लोगों को ठंड से बचाव के लिए अलाव की व्यवस्था की है और गर्म कपड़े पहनने की अपील की है। अगले कुछ दिनों तक मौसम में सुधार की उम्मीद कम ही है, जिससे लोगों को और अधिक सावधानी बरतने की सलाह दी गई है।