भारत के रक्षा क्षेत्र में वर्ष 2025 को सुधारों के लिहाज से एक महत्वपूर्ण मोड़ माना जा रहा है। लंबे समय तक रक्षा उपकरणों के आयात पर निर्भर रहने वाला देश अब धीरे-धीरे निर्यातक की भूमिका में उभर रहा है। ‘मेक इन इंडिया’ पहल के तहत नीतिगत बदलाव, घरेलू उद्योग को बढ़ावा और निजी क्षेत्र की भागीदारी ने इस दिशा में नई संभावनाएं खोली हैं।
सरकार द्वारा प्रक्रियाओं को सरल करने, स्वदेशी उत्पादन को प्राथमिकता देने और रक्षा निर्माण में निवेश बढ़ाने से उत्पादन क्षमता में सुधार हुआ है। इसका असर न केवल देश की आत्मनिर्भरता पर पड़ा है, बल्कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में भारतीय रक्षा उत्पादों की मौजूदगी भी बढ़ी है।
वर्ष 2025 में लागू किए गए सुधारों ने रक्षा उद्योग को वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला से जोड़ने में मदद की है। इससे रोजगार सृजन, तकनीकी विकास और रणनीतिक मजबूती जैसे क्षेत्रों में भी सकारात्मक बदलाव देखे जा रहे हैं।