कुशीनगर जिले के रामकोला क्षेत्र में ठोस अपशिष्ट प्रबंधन को मजबूत करने की दिशा में एक बड़ा कदम उठाया गया है। डेढ़ करोड़ रुपये की लागत से यहां दो नए मटेरियल रिकवरी फैसिलिटी (MRF) सेंटर स्थापित किए जाएंगे, जो ग्रामीण स्वच्छता अभियान को नई गति प्रदान करेंगे।
- कुशीनगर के रामकोला ब्लॉक में दो नए एमआरएफ (Material Recovery Facility) सेंटर बनेंगे।
- इन सेंटरों के निर्माण पर कुल डेढ़ करोड़ रुपये का बजट खर्च किया जाएगा।
- ये सुविधाएं मुख्य रूप से सूखे कचरे के पृथक्करण और प्रसंस्करण पर केंद्रित होंगी।
- परियोजना का उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों में स्वच्छता और पर्यावरण संरक्षण को बढ़ावा देना है।
- इससे स्थानीय स्तर पर कचरा प्रबंधन में सुधार और रोजगार के अवसर सृजित होंगे।
यह पहल स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) के तहत की जा रही है, जिसका लक्ष्य देश के ग्रामीण क्षेत्रों में स्वच्छता के उच्च मानकों को स्थापित करना है। एमआरएफ सेंटर ऐसे महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचे होते हैं जो घरों और अन्य स्रोतों से एकत्रित सूखे कचरे को वैज्ञानिक तरीके से अलग करने, छांटने और फिर उसे पुनर्चक्रण (रीसाइक्लिंग) के लिए तैयार करने का काम करते हैं। रामकोला जैसे ग्रामीण ब्लॉक में ऐसी सुविधाओं की स्थापना बढ़ती आबादी और शहरीकरण के कारण उत्पन्न हो रहे कचरा प्रबंधन की चुनौतियों से निपटने के लिए अत्यंत आवश्यक है। यह न केवल कचरे को सड़कों और खाली जगहों पर जमा होने से रोकेगा, बल्कि मूल्यवान संसाधनों की बर्बादी को भी कम करेगा।
इन दो नए एमआरएफ सेंटरों के बनने से रामकोला और आसपास के गांवों में कचरा प्रबंधन की पूरी तस्वीर बदल जाएगी। सूखे कचरे का प्रभावी ढंग से निपटान होने से सार्वजनिक स्वास्थ्य में सुधार होगा और बीमारियों का खतरा कम होगा। इसके अलावा, यह पर्यावरण प्रदूषण को नियंत्रित करने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा, खासकर प्लास्टिक और अन्य गैर-बायोडिग्रेडेबल कचरे के अनियंत्रित निपटान को रोकेगा। यह परियोजना स्थानीय लोगों के लिए रोजगार के नए अवसर भी पैदा करेगी, चाहे वह कचरा संग्रहण में हो, पृथक्करण में हो या प्रसंस्करण में। यह कदम रामकोला को एक स्वच्छ, स्वस्थ और टिकाऊ भविष्य की ओर ले जाने में मील का पत्थर साबित होगा, जिससे स्थानीय अर्थव्यवस्था को भी बल मिलेगा।