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Mark Zuckerberg बना रहे हैं Hindi AI Chatbots – $55/घंटा पर हायरिंग शुरू

Mark Zuckerberg अब बना रहे हैं Hindi AI Chatbots – मिलेंगे US Contractors को $55 प्रति घंटा

नई दिल्ली, 8 सितम्बर 2025:
Meta (Facebook की पैरेंट कंपनी) अब भारत जैसे देशों के लिए लोकल भाषा AI Chatbots बनाने की तैयारी कर रही है। ताज़ा रिपोर्ट के अनुसार, Mark Zuckerberg अमेरिका में $55 प्रति घंटा की दर से कॉन्ट्रैक्टर्स हायर कर रहे हैं ताकि हिंदी समेत कई भाषाओं के चैटबॉट तैयार किए जा सकें।

क्यों बना रही है Meta हिंदी चैटबॉट?

  • भारत दुनिया का सबसे बड़ा सोशल मीडिया मार्केट है। यहां करोड़ों लोग Facebook, Instagram और WhatsApp का इस्तेमाल करते हैं।
  • लेकिन बड़ी दिक्कत यह है कि अब भी अधिकतर AI सिस्टम्स अंग्रेज़ी पर आधारित होते हैं।
  • Meta का मानना है कि अगर लोग अपनी लोकल भाषा जैसे हिंदी, बंगाली, तमिल, इंडोनेशियन या स्पेनिश में AI से बात कर सकें, तो उनकी टेक्नोलॉजी का असर कई गुना बढ़ जाएगा।

$55 प्रति घंटा की सैलरी क्यों?

Meta अमेरिका में कॉन्ट्रैक्ट बेस्ड वर्कर्स हायर कर रही है जो इन AI चैटबॉट्स को ट्रेन करेंगे।

  • उन्हें सही भाषा, सही टोन और सही कल्चर से जोड़ने की जिम्मेदारी होगी।
  • रिपोर्ट कहती है कि इसके लिए $55 प्रति घंटा (करीब ₹4,500 प्रति घंटा) की सैलरी दी जा रही है।

भारत में इसका क्या असर होगा?

  1. हिंदी यूजर्स को फायदा – WhatsApp और Messenger पर AI चैटबॉट्स अब देसी अंदाज़ में बात करेंगे।
  2. बिज़नेस के लिए आसान – छोटे दुकानदार और स्टार्टअप्स सीधे हिंदी में AI सपोर्ट इस्तेमाल कर सकेंगे।
  3. लोकल जॉब्स पर असर – भले ही ट्रेनिंग US से हो रही है, लेकिन आने वाले समय में लोकल कंपनियों और स्टार्टअप्स को भी इससे काम मिलेगा।

Zuckerberg का बड़ा प्लान

Meta पहले से ही AI Stickers, AI Search और AI Assistant पर काम कर रहा है। अब यह चैटबॉट्स भारत, इंडोनेशिया और मैक्सिको जैसे देशों के लिए खासतौर पर तैयार किए जा रहे हैं।

इसका मतलब है कि आने वाले समय में आप WhatsApp खोलें और वहां “Meta AI (Hindi)” से बात कर पाएं – जैसे किसी दोस्त से।


🔔 Desh Disha की राय

ये कदम साफ दिखाता है कि अब टेक कंपनियां “English First” सोच से निकलकर “Local First” स्ट्रेटेजी अपना रही हैं।
भारत जैसे देश में जहां 70% लोग लोकल भाषा में इंटरनेट चलाते हैं, वहां हिंदी AI चैटबॉट्स सच में गेम चेंजर साबित हो सकते हैं।


👉 आप क्या सोचते हैं?
क्या हिंदी चैटबॉट्स हमारे लिए मददगार होंगे या फिर यह सिर्फ एक Meta का बड़ा बिज़नेस प्लान है?
अपनी राय कमेंट में लिखें।

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