गांव का किसान : मेहनत की असली तस्वीर 🌾🚜
कप्तानगंज (कुशीनगर)। भारत गांवों का देश है, और गांव का किसान ही असली भारत की पहचान है। आज भी गांव का हर घर खेती-किसानी से जुड़ा है। हमारे किसान भाई दिन-रात मेहनत करके फसलों की रक्षा करते हैं ताकि हमारे थालियों में अनाज भर सके।
ऊपर दी गई तस्वीर में आप देख सकते हैं कि एक किसान भाई स्प्रे मशीन में दवा भर रहे हैं। यह कोई साधारण काम नहीं है, बल्कि खेतों की सुरक्षा की जिम्मेदारी है। कीट-पतंगे, रोग और मौसम की मार से बचाने के लिए किसान अपने खेतों में कीटनाशक और खाद का छिड़काव करते हैं।
किसान की रोज़मर्रा की चुनौतियाँ
👉 मौसम का भरोसा नहीं।
👉 कभी ज्यादा बारिश तो कभी सूखा।
👉 खाद और बीज की महंगाई।
👉 मेहनत का उचित दाम न मिलना।
फिर भी किसान हिम्मत नहीं हारता। वह जानता है कि अगर वह ठहर गया, तो समाज भूखा रह जाएगा।
क्यों जरूरी है किसान का सम्मान?
- किसान सिर्फ अनाज ही नहीं उगाता, बल्कि हमारे देश की अर्थव्यवस्था की रीढ़ है।
- जब किसान खुशहाल होगा, तभी देश खुशहाल होगा।
- हर नागरिक का कर्तव्य है कि किसान की मेहनत का सम्मान करे।
"जय जवान, जय किसान" का असली मतलब
लाल बहादुर शास्त्री जी ने यह नारा दिया था, और आज भी यह उतना ही सटीक बैठता है। जवान हमारी सीमा की रक्षा करता है और किसान हमारी थाली की।
🌿 Desh Disha Media की अपील
हम सभी से अनुरोध करते हैं कि किसान भाइयों का सम्मान करें और उनके संघर्ष को समझें। खेत में पसीना बहाने वाले इन हाथों की मेहनत से ही भारत की थाली भरती है।
